मज़ेदार कहानी: महिला तर्क (Mahila Tark)
रोष ने अपने लिए बियर मंगवाई थी, पर उसकी जगह ईशा अपने लिए ठंडी क्रीमका एक जार खरीद लायी थी| अब रोज़मर्रा की महाभारत छिड़ी थी|
“लेकिन ये तो सिर्फ $24 की थी,” ईशा समझा रही थी| “आपके $36 के बियर क्रेट से कहीं बेहतर वैल्यू फॉर मनी|”
“कोल्ड क्रीम से कहीं बेहतर तो, मेरे बियर पी लेने के बाद लगती हो तुम मुझे,” रोष गुर्रा रहा था| “और तुलना तो तुम करो मत न|”
“क्यों नहीं?” ईशा भी जम कर सामना कर रही थी| “पैसों के मामले में पुरुषों से कहीं बेहतर फैसले करती हैं स्त्रियाँ|”
“हाँ जी,” रोष झन्नाया
| “बुड्ढे कंवारे रामसरूप को खबर लगी कि बीमार बाप के मरने के बाद, वह अरबों का वारिस बनने वाला है| बुढ़ऊ अपनी आखिरी साँसे गिन रहा है|”
“एक शाम, रामसरूप को दिख गयी एक कच्ची कली| उसे फांसने करने के चक्कर में, भूतनी का उसके पास गया, और बोला: दिखता ज़रुर हूँ गरीब-गुरबा, पर साल-दो-साल में ही बाप निपट लेगा मेरा| और मैं $200 मिलियन डॉलर की आसामी हो जाऊँगा|”
“प्रभावित छोरी ने ले लिया रामसरूप का पता ठिकाना| तीन दिन बाद, उसकी सौतेली अम्मा बनकर घर में आ गयी| पैसों के मामले में मर्दों से वाकई कहीं बेहतर फैसले करती हैं औरतें|”
“तर्क तो गलत नहीं था न उसका,”
ईशा ने दृढ़ता से नयी-नवेली दुल्हन का बचाव किया| “पैसे के लिहाज़ से तो ये फैसला बेहतर ही था|”
“सो तो है,” रोष का पारा चढ़ रहा था| “तर्क तर्क है, पर मादा तर्क - तर्क से भी महीन है!”
“स्त्री तर्क जैसी कोई चीज नहीं होती,” ईशा आज रात नतीजे से बेफिक्र थी| “सिर्फ बहस जीतने के लिए अपने आप सिद्धांत मत बनाते जाओ आप|”
“होती कैसे नहीं,” रोष भभक उठा| “नारियों के दिए गए तर्क को और क्या कहोगे? नारी तर्क ही न! हालांकि ये तर्क तर्क नहीं होता| महिला तर्क होता है| महिलाओं के अलावा, हर किसी की समझ से परे|”
"साबित करो!" ईशा अपनी कमर पर हाथ रखे खड़ी थी| मंद रोशनी उस हव्वा के उभारों को और आकर्षक बना रही थी|
'कातिल हुस्न', उसने सोचा, और पिघल गया| युद्ध हारकर, व्यवस्थित रूप से मैदान छोड़ने की तैयारी करने लगा|
ईशा ने रोष की नज़र की जुम्बिश पढ़ ली थी, पर दुश्मन को हल्का पड़ता देखकर उससे रहा न गया|
"साबित करो न!" उसने फिर यलगार की|
“एक युगल अपने दुखद रिश्ते की रजत जयंती का मातम मना रहा था" रोष ने जवाब दिया| “एक परी, ये सोचकर कि इन गरीबों का कम-से-कम ये दिन तो उल्लासमय हो जाए, प्रकट हुई और बोली, कि क्योंकि उन्होंने इतने साल दुःख झेला था, वह उनकी ज़िन्दगी जगमगाने के लिए, दोनों की एक-एक इच्छा पूरी कर देगी| माँग लो, जो माँगना है|”
“50 वर्षीय नारी ने कहा: मैंने हमारा सारा पैसा शॉपिंग में उड़ा दिया, इसलिए दुनिया नहीं देख पाई| काश कि मैं सारी दुनिया देख पाती|”
“परी ने अपनी जादुई छड़ी हिलाई, और हूऊश! पत्नी के हाथ में विश्व भ्रमण की टिकटें और बुक किया हुआ यात्रा-कार्यक्रम आ गया|”
“50 साला नर ने पल-भर सोचा, और कहा: मैं भी 25 साल मज़े नहीं उड़ा सका, क्योंकि ये हमेशा खरीदारी में बाहर रही| मुझे एक ऐसी जीवन साथी दे दो, जो मुझसे 25 बरस छोटी हो|”
“परी ने अपनी जादुई छड़ी हिलाई, और हूऊश! वो 75 का हो गया!”
ईशा ठहाका मार कर हँसी, पर इससे पहले कि वह कोई फब्ती कस पाती, वह उस पर चढ़ दौड़ा| अश्वसेना बढ़ चली, और आसानी से शत्रु के मोर्चे लाँघती, उसकी सीमा में घुस गयी|