बेलुका ३ बजे घोपा अस्पताल धरानबाट बहिनीलाई डिस्चार्ज गराइए पछी भवानी मिश्र आफ्नो घर इलाम साङरुम्बा-३ तिर फर्किने तयारी गर्छन। साँझ परिसकेक
Read Moreधेरै भएको थियो मैले रोहिनीलाई नभेटेको । यस्तै भयो होला ९ वर्ष जति।अन्तिम पटक मैले उनलाई डाँडा गाउँको पोस्टमा सर्चमा जाँदा भेटेको थिएं ।त्य
Read Moreमोवाइलमा कुरा गर्दै उनले भनिन, म तपाईको सेल्टरमा बस्न आउन लागेकी दिदी, कसरी आउने ? मैले सोधें, कहाँबाट आउन लागेको ? ‘जल्ला भुक्तोबाट
Read Moreत्यो गाँउमा बर्षौं देखि एकजना जमिनदारको राज चलेको थियो । थिचोमिचो को हद यत्ति सम्म थियो कि गाँउका हरेक चोक चोकमा जमिनदारका शालिक बनेक
Read Moreसंसारको कुनै कुनामा यौटा अनौठो गाँउ थियो । त्यस ठाँउका मानिसहरु शारीरीक रुपमा अन्य स्थानका भन्दा केहि फरक नदेखीए पनि यौटा अनौठो प्राकृतिक
Read Moreएक लड़की थी- सोनिया। वह बहुत कम बोलती थी, लड़ाई-झगड़ा तो रही दूर की बात, वह अपनी कक्षा में अध्यापक से भी कोई प्रश्न नहीं करती। इसीलिए
Read Moreरविवार का दिन था। सबकी छुट्टी थी। आसमान साफ था और ठंडी-ठंडी हवा बह रही थी। सूरज की किरणें शहर के ऊपर बिखरी थीं। धूप में ग
Read Moreएक बकरी थी। एक उसका मेमना। दोनों जंगल में चर रहे थे। चरते - चरते बकरी को प्यास लगी। मेमने को भी प्यास लगी। बकरी बोली - 'चलो, पानी पी आ
Read Moreगली में गुब्बारेवाला था। नैना ने उसकी आवाज़ सुनी और दौड़ कर बाहर आई। गुब्बारे वाले के हाथ में पाँच गुब्बारे थे। दो लाल, एक पीला, एक हरा औ
Read Moreदीवाली की रात थी। सारे मुहल्ले में रंग-बिरंगी बत्तियां झिलमिल-झिलमिल कर रही थीं। मैं अपनी छत पर खड़ा देख रहा था। वह दृश्य मेरे मन को मुग्ध
Read Moreसूर्य अस्त हो चला था। आकाश में बादल छाए हुए थे। नीम के एक पेड़ पर ढेर सारे कौवे रात बिताने के लिए बैठे हुए थे। कौवे अपनी आदत के अनुसार, आप
Read Moreबड़े दिन की पूर्व संध्या थी। गलियाँ और बाजार परियों की नगरी जैसे सजे हुए थे। बाजार में सब दुकानों पर लाल, नीली, हरी, पीली बत्तियाँ तारों क
Read Moreबंटी आज जब स्कूल से आया तो फिर उसने घर पर ताला देखा। घर की सीढ़ियों पर वह अपना बैग रख कर बैठ गया। उसे भूख लगी थी और वह थका हुआ भी था। वह
Read Moreकलिंग नामक एक ग्वाला पहाड़ के निकट अपनी गायों के साथ बहुत सुख-सन्तोष से रहता था। उसकी गायों में पुण्यकोटि नाम की एक गाय थी, जो अपने बछड़े
Read Moreसीमा और सनी अच्छे दोस्त थे। आज नए साल की पार्टी में उनका घर परिवार के ढेर से दोस्तों और रिश्तेदारों से घर भरा हुआ था। पार्टी में नाच गाना
Read Moreब्रह्मारण्य नामक एक बन था। उसमें कर्पूरतिलक नाम का एक बलशाली हाथी रहता था। देह में और शक्ति में सबसे बड़ा होने से बन में उसका बहुत रौब था।
Read Moreशहर से दूर जंगल में एक पेड़ पर गोरैया का जोड़ा रहता था। उनके नाम थे, चीकू और चिनमिन। दोनो बहुत खुश रहते थे। सुबह सवेरे दोनो दाना चुगने के
Read Moreमौसम बदल रहा था और हल्की-हल्की ठंड पड़ने लगी थी। इसी बीच न जाने कैसे छोटू बीमार पड़ गया। मुहल्ले के सारे बच्चों में उदासी छा गई। सबका दादा
Read Moreएक रात की बात है शालू अपने बिस्तर पर लेटी थी। अचानक उसके कमरे की खिडकी पर बिजली चमकी। शालू घबराकर उठ गई। उसने देखा कि खिडकी के पास एक बुढि
Read Moreचिंटू और चीनी भाईबहन थे। दोनों एक ही स्कूल में पढ़ते थे इसलिए एकसाथ आतेजाते थे।चिंटू और चीनी के स्वभाव बिलकुल भिन्न थे। चीनी सीधीसादी थी,
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